Same Sex Marriage: मोहब्बत में बदली बचपन की दोस्ती, शादी करने के लिए कोर्ट पहुंचीं दो युवतियां, वकीलों ने खड़े कर दिए हाथ

लड़कों से शादी न करने की ठानने वाली स्वजातीय दो लड़कियां आपस में विवाह के लिए शनिवार को कचहरी पहुंच गईं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक मामले पर चल रही सुनवाई का हवाला देकर अधिवक्ताओं ने विवाह कराने से मना कर दिया। इससे निराश होकर दोनों लौट गईं। जरिया थानाक्षेत्र के एक गांव की युवती ने बताया कि वह चिकासी थाना क्षेत्र के एक गांव में अपने मामा के घर बचपन से रह रही है। मामा के घर के सामने उसकी उम्र से एक साल बड़ी दूसरी युवती से उसकी मुलाकात हुई। बातचीत के दौरान दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगीं।
दोनों लड़कियां लड़कों से शादी नहीं करना चाहतीं। इसलिए दोनों ने एक साथ जीने मरने की कसमें खाईं। कभी भी अलग नहीं रहने की बात पर दोनों ने समलैंगिक विवाह करने की ठान ली। दोनों लड़कियां छह माह पहले घर से भागकर राजकोट पहुंच गईं थीं, जहां पर एक कंपनी में दोनों ने काम किया। वहां दो माह रहकर वापस घर आ गईं। पहली युवती, दूसरी को लेकर जब घर पहुंची, तो उसके परिवार वालों ने रखने से इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों अपने-अपने घरों में रहने लगीं। एक युवती ने कहा कि अब वह अलग नहीं रह सकतीं।
शनिवार दोपहर दोनों कचहरी पहुंची गईं। अधिवक्ताओं ने समझाया कि समलैंगिक विवाह के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसलिए अभी शादी नहीं करा सकते। तब तक दोनों लड़कियों को देखने के लिए कचहरी परिसर में भीड़ लग चुकी थी। पहली लड़की ने बताया कि वह मामा के घर के सामने रहने वाली लड़की को पत्नी बनाकर रहना चाह रही हैं लेकिन उसके परिजन शादी को राजी नहीं हैं। अधिवक्ताओं के इनकार के बाद दोनों निराश होकर लौट गईं। जाते-जाते उन्होंने कहा कि वह जहां भी रहेंगी साथ ही रहेंगी।